सोमवार, 3 मई 2021

बग़ावत

तुम जो पढ़ रहे हो!
खून के धब्बे हैं शामिल इनमें।

आओ चलो बग़ावत करें।
खुल कर ये एलान होना चाहिए-

जहाँ रात न होती हो,
आशिक़ों के लिए,
वो जहान होना चाहिए।

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