शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

वीर सावरकर

काल स्वयं मुझ से डरा है, 
मैं काल से नहीं, 

मैं बार-बार लौट आया हूँ, 
और फिर भी मैं जीवित हूँ। 
हारी मृत्यु है, मैं नहीं।
- वीर सावरकर

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