मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

घबराहट में मोहब्बत कर बैठे

4 बरस ग़म से तंग आकर,
इज़हार-ए-मसर्रत कर बैठे।

मशहूर थी मुस्कान मेरी,
दानिस्ता शरारत कर बैठे।

कोशिश तो बहुत की हमने 'कृष्णा' !
पाया न ग़म-ए-हस्ती से मफ़र,

वीरानी-ए-दिल चौखट पार होने लगी,
कि घबरा के सात्विक मोहब्बत कर बैठे।

#KKPBANARAS

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