हर हाल में इश्क़ जताया जाए,
कुछ पल के लिए
गिरे हुए ख़ुद को भी उठाया जाए।
इश्क़ है और रहेगा
ज़रूरी नहीं है कि इश्क़ जताया जाए।
सफ़र के रास्ते जितने कठिन होंगे, मंज़िल उतनी शानदार होगी। हाँ! रुकना मत, चलते रहो, चलते रहो मुसलसल। Twitter @kkpbanaras
ये दिसंबर तो अब तलक रुका है तुमने ही साथ छोड़ दिया! शायद प्रेम का ताल सूख गया होगा पर वक़्त से पहले कैसे? हो सकता है अश्रुओं के ताल मौसमी रिवा...
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